सभी गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 की जांच जरुरी नहीं, आप सरकार का HC को जवाब

सभी गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 की जांच जरुरी नहीं, आप सरकार का HC को जवाब

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस का खौफ हर वर्ग को इस समय सता रहा है। क्योंकि ये वायरस सभी लोगों को परेशान कर रहा है। वहीं जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है उनके लिए ये वायरस बहुत ज्यादा ही खतरनाक है। इसके अलावा जो महिलाएं प्रेग्नेंट है उनको अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। वहीं कोरोना जांच डिलिवरी के समय करवाना चाहिए या नहीं ये भी बहुत बड़ा सवाल बना हुआ है। जब से कोरोना फैला है तब से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस दौरान कई महिलाओं को कोरोना वायरस की वजह से जान गंवानी पड़ी है। क्योंकि कोरोना टेस्ट में देरी होने की वजह से ये वायरस खतरनाक होकर लोगों की जान लेता है। वहीं अब इस मामले में  दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय के सामने इस बात का खुलासा किया है कि अब अस्पताल में डिलिवरी कराने आने वाली हर महिला को कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

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दिल्ली सरकार के मुताबिक अब अस्पताल में जांच के लिए प्रसव में देरी नहीं की जा सकती। दिल्ली सरकार ने कहा कि केवल उन गर्भवती महिलाओं की कोविड-19 की जांच की जाएगी जो इस संक्रामक रोग से सबसे अधिक प्रभावित इलाके यानी हॉटस्पॉट से आ रही हैं या वे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हैं। 

प्रसव के दौरान महिलाओं की डिलिवरी जटिल भी हो सकती है ऐसे में कोरोना टेस्ट उनकी मौत का कारण साबित हो सकता है। गर्भवति महिलाओं के लिए प्रसव के दौरान इंतजार उनकी और उनके बच्चे की जान के लिए खतरा बन सकता है। अगर अस्पताल कोरोना टेस्ट कराते हैं तो टेस्ट की रिपोर्ट आने में 48 घंटे का समय लगता है। ऐसे में कोरोना रिपोर्ट का इंतजार इन महिलाओं की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। 

कोरोना के प्रसार को देखते हुए सरकार ने मार्च के महीने से ही अस्पतालों के लिए दिशा निर्देश लागू किए थे, जिसके मुताबिक अस्पताल में आने वाले हर मरीज का इलाज करने से पहले उसका कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्काय था। सरकार के इस आदेश में गर्भवति महिलाओं का टेस्ट करने का जिक्र साफतौर पर नहीं किया गया था।

सरकार के आदेश का पालन करते हुए अस्पताल प्रेग्नेंट महिलाओं की डिलिवरी से पहले उनका कोरोना टेस्ट करने पर बल दे रहे थे जिसका खमियाजा कई महिलाओं ने जान देकर भुगता है। अस्पतालों को अब प्रेग्नेंट महिलाओं को उसी समय भर्ती करना होगा जिस समय वो भर्ती होना चाहती हैं।

आपको बता दें देश में कोरोना के मामले 9 लाख को पार कर चुके हैं ऐसे में बुजुर्गों, बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं का खास ख्याल रखना हम सब की जिम्मेदारी है।

 

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